हमें बहà¥à¤¤ ख़à¥à¤¶à¥€ हो रही है बà¥à¤²à¥‰à¤—अडà¥à¤¡à¤¾ में और à¤à¤• हिनà¥à¤¦à¥€ इंटरवà¥à¤¯à¥‚ पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ करते हà¥à¤à¥¤ आज हम जिससे आपकी मà¥à¤²à¤¾à¤•ात करवा रहें हैं, उनका लेखन से बहà¥à¤¤ गहरा और पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¤¾ रिशà¥à¤¤à¤¾ है| वे काफ़ी साल तक पतà¥à¤°à¤•ार रह चà¥à¤•े हैं| करीब ५ साल से वे कई विषयों पर बà¥à¤²à¥‰à¤— पोसà¥à¤Ÿà¥à¤¸ लिखते आठहैं| हमारे साथ सà¥à¤µà¤¾à¤—त करें खà¥à¤¶à¤¦à¥€à¤ªÂ सहगल का जिनके बà¥à¤²à¥‰à¤— देशनामा ने बेसà¥à¤Ÿ हिनà¥à¤¦à¥€ बà¥à¤²à¥‰à¤— का खिताब जीता हैं| राजनीति में काफ़ी दिलचसà¥à¤ªà¥€ होने के कारण, उनके बà¥à¤²à¥‰à¤— पर अधिकतर पोसà¥à¤Ÿ राजनीति पर ही केंदà¥à¤°à¤¿à¤¤ होती हैं|
पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨: आप 5 साल से विविध-विविध विषयों पर बà¥à¤²à¥‰à¤—à¥à¤¸ लिखते आये हैं, बà¥à¤²à¥‰à¤—िंग की दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ से आपका परिचय कैसे हà¥à¤†? हमारे पाठकों को अपने बà¥à¤²à¥‰à¤—िंग के सफ़र के बारे में बताइये।
उ: पतà¥à¤°à¤•ारिता के पेशे से पिछले 20 साल से जà¥à¤¡à¤¼à¤¾ हूं। इसलिठसम-सामयिक विषयों पर लेखन मेरा शौक à¤à¥€ है और रोजी-रोटी का ज़रिया à¤à¥€à¥¤ सच कहूं तो अपने काम में ही इतना वà¥à¤¯à¤¸à¥à¤¤ और मसà¥à¤¤ रहता था कि कà¤à¥€ बà¥à¤²à¥‰à¤—िंग में आने का सोचा à¤à¥€ नहीं था। ये 2009 के शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ की बात है, मैं जिस नà¥à¤¯à¥‚ज़ चैनल में काम करता था, वहां मेरा à¤à¤• यà¥à¤µà¤¾ साथी हिमांशॠमà¥à¤à¤¸à¥‡ अकà¥à¤¸à¤° बà¥à¤²à¥‰à¤— शà¥à¤°à¥‚ करने के लिठकहता था। पहले तो मैं टालता रहा। लेकिन à¤à¤• दिन उसने ठान लिया कि मेरा बà¥à¤²à¥‰à¤— बना कर ही छोड़ेगा। हिमांशॠने बà¥à¤²à¥‰à¤—सà¥à¤ªà¥‰à¤Ÿ के फोरम पर ‘देशनामा’ नाम से मेरा बà¥à¤²à¥‰à¤— बना दिया। फरवरी में बà¥à¤²à¥‰à¤— बन जाने के बावजूद मैंने छह महीने तक कोई पोसà¥à¤Ÿ नहीं लिखी। 16 अगसà¥à¤¤ 2009 को मैंने पहली पोसà¥à¤Ÿ लिखी- “कलाम से सीखो शाहरà¥à¤–़â€- मेरी इस पोसà¥à¤Ÿ पर पहली टिपà¥à¤ªà¤£à¥€ फौजिया रियाज़ की मिली थी। उस टिपà¥à¤ªà¤£à¥€ को पढ़कर बहà¥à¤¤ अचà¥à¤›à¤¾ लगा। फिर तो बà¥à¤²à¥‰à¤—िंग में रमता ही चला गया। देखते-देखते इसने जनून की शकà¥à¤² ले ली। काम से लौटने के बाद जब तक रोज़ रात à¤à¤• पोसà¥à¤Ÿ नहीं लिख लेता था, चैन नहीं आता था।
पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨: हिंदी à¤à¤¾à¤°à¤¤ की राजà¤à¤¾à¤·à¤¾ है, इसके बावजूद कà¥à¤¯à¤¾ आपको लगता है कि à¤à¤¾à¤°à¤¤ में बसने वाली बà¥à¤²à¥‰à¤—िंग की दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¤¼à¥€ में लिखने वाले लोगो की तरफ ज़à¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ पकà¥à¤·à¤ªà¤¾à¤¤à¥€ है? इसमें सà¥à¤§à¤¾à¤° लाने के लिठकà¥à¤¯à¤¾ किया जा सकता है?
उ: ये सच है कि आज़ादी के साढ़े छह दशक के बाद à¤à¥€ हिंदी को राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤à¤¾à¤·à¤¾ का दरà¥à¤œà¤¼à¤¾ नहीं मिल सका। हिंदी सिरà¥à¤« राजà¤à¤¾à¤·à¤¾ है। दरअसल हमारा देश à¤à¥Œà¤—ोलिक दृषà¥à¤Ÿà¤¿ से इतना विशाल और सांसà¥à¤•ृतिक रूप से विविध है कि यहां हिंदी को राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤à¤¾à¤·à¤¾ बनाने के पीछे कई वà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤¹à¤¾à¤°à¤¿à¤• दिकà¥à¤•तें हैं। à¤à¤¸à¥‡ में अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¤¼à¥€ ही à¤à¤• à¤à¤¸à¥€ à¤à¤¾à¤·à¤¾ है जो देश के विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ हिसà¥à¤¸à¥‹à¤‚ में Bridge Language बनी हà¥à¤ˆ है। मà¥à¤¶à¥à¤•िल ये है कि हमारे देश में अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ और हिंदी को विरोधी à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ं के तौर पर देखा जाता है। जबकि होना ये चाहिठकि दोनों को à¤à¤•-दूसरे की पूरक à¤à¤¾à¤·à¤¾ बनाना चाहिà¤à¥¤ मेरा हमेशा इस बात पर à¤à¥€ ज़ोर रहा है कि हिंदी में अधिक कà¥à¤²à¤¿à¤·à¥à¤Ÿ (कठिन) शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ के इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² से बचना चाहिà¤à¥¤ पतà¥à¤°à¤•ारिता और बà¥à¤²à¥‰à¤— की हिंदी à¤à¤¸à¥€ होनी चाहिठजो आसानी से सबको समठआ जाà¤à¥¤ साथ ही देश में अगà¥à¤°à¥‡à¤œà¤¼à¥€ और हिंदी समेत अनà¥à¤¯ à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ं के बà¥à¤²à¥‰à¤—रà¥à¤¸ को à¤à¥€ à¤à¤• दूसरे के पास लाने की आवशà¥à¤¯à¤•ता है। इसके लिठमैं बà¥à¤²à¥‰à¤— अडà¥à¤¡à¤¾ से à¤à¥€ अनà¥à¤°à¥‹à¤§ करूंगा कि वो देश के अलग-अलग हिसà¥à¤¸à¥‹à¤‚ में बà¥à¤²à¥‰à¤—रà¥à¤¸-मीट का आयोजन करे।
पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨: आपके बà¥à¤²à¥‰à¤— ‘देशनामा’ में अधिकतर पोसà¥à¤Ÿ राजनीति पर ही केंदà¥à¤°à¤¿à¤¤ होती हैं, कà¥à¤¯à¤¾ आप हमारे बà¥à¤²à¥‰à¤—रà¥à¤¸ को बताना चाहेंगे कि इस विषय पर अपने विचार साà¤à¤¾ करने की इचà¥à¤›à¤¾ आप में कैसे आई?
उ: राजनीति को लेकर देश के लोगों का नज़रिया अब काफ़ी बदला है। लेकिन अà¤à¥€ à¤à¥€ देश में ज़à¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾à¤¤à¤° लोग à¤à¤¸à¥‡ हैं जो वोट देने के बाद पांच साल के लिठअपना à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ नेताओं पर छोड़ देते हैं। यà¥à¤µà¤¾ वरà¥à¤— जो देश की ताकत है, वो à¤à¥€ देश के सरोकार से जà¥à¤¡à¤¼à¥‡ मà¥à¤¦à¥à¤¦à¥‹à¤‚ की जगह टीवी पर तीन “Câ€- यानि Cinema, Cricket, Crime की ख़बरों को ज़à¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ शौक से देखता है। इसी वजह से à¤à¤¸à¥‡ कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® की टीआरपी ज़à¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ आती है। जब टीआरपी ज़à¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ आती है तो नà¥à¤¯à¥‚ज़ चैनलà¥à¤¸ à¤à¥€ à¤à¤¸à¥‡ पà¥à¤°à¥‹à¤—à¥à¤°à¤¾à¤® अधिक दिखाते हैं। तरà¥à¤• ये दिया जाता है कि दरà¥à¤¶à¤• देखना ही ये सब चाहते है। ये सब बाज़ारवाद की देन है। अगर यà¥à¤µà¤¾ वरà¥à¤— देश के असली मà¥à¤¦à¥à¤¦à¥‹à¤‚ से अंगेजà¥à¤¡ रहेगा और à¤à¤¸à¥‡ कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® देखने की मांग करेगा तो मीडिया à¤à¥€ उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ वही देने के लिठमजबूर होगा। मà¥à¤à¥‡ यहां ये कहने में कोई संकोच नहीं कि सोशल मीडिया के पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¥€ होने से यà¥à¤µà¤¾ वरà¥à¤— में à¤à¥€ राजनीति और असली सरोकारों को लेकर चेतना बढ़ी है। इसके लिठà¤à¥à¤°à¤·à¥à¤Ÿà¤¾à¤šà¤¾à¤° के ख़िलाफ़ अनà¥à¤¨à¤¾ हज़ारे के आंदोलन को à¤à¥€ मैं कà¥à¤› हद तक शà¥à¤°à¥‡à¤¯ देना चाहूंगा। इस आंदोलन से पहले 2009 से ही मैं अपने बà¥à¤²à¥‰à¤— पर à¤à¤¸à¥€ पोसà¥à¤Ÿ लिखता रहा जिससे समाज में कà¥à¤› सकारातà¥à¤®à¤• बदलाव आ सके। मेरे बà¥à¤²à¥‰à¤— पर राजनीति से जà¥à¤¡à¤¼à¥€ ज़à¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ पोसà¥à¤Ÿ होने की वजह à¤à¥€ यही रही। मेनसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤® मीडिया में रहते हà¥à¤ आपके हाथ कà¥à¤› बंधे होते हैं। लेकिन बà¥à¤²à¥‰à¤—िंग में à¤à¤¸à¥€ कोई बंदिश नहीं है। बà¥à¤²à¥‰à¤— हो या फेसबà¥à¤• या फिर टà¥à¤µà¤¿à¤Ÿà¤°, आप जब à¤à¥€ कà¥à¤› लिखे तो आपके अंदर का संपादक हमेशा सचेत रहना चाहिà¤à¥¤ जैसे संवेदनशील और अचà¥à¤›à¤¾ संपादक तय करता है कि उसके अख़बार, पतà¥à¤°à¤¿à¤•ा या चैनल में कà¥à¤¯à¤¾ जाना चाहिठऔर कà¥à¤¯à¤¾ नहीं जाना चाहिà¤à¥¤ à¤à¤¸à¥‡ ही बà¥à¤²à¥‰à¤—रà¥à¤¸ à¤à¥€ ये तय करें। à¤à¤¸à¤¾ कà¥à¤› ना लिखें जिससे किसी को चोट पहà¥à¤‚चे। आपका लेखन समाज को जोड़ने वाला होना चाहिà¤, तोड़ने वाला नहीं।
पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨: बà¥à¤²à¥‰à¤—िंग के अलावा आप और कौन सी चीज़ो में दिलचसà¥à¤ªà¥€ रखते हैं?
उ: à¤à¤¸à¥‡ हर कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में मेरी दिलचसà¥à¤ªà¥€ रहती है जिससे कà¥à¤› पॉजिटिव मिल रहा हो। लेखन और घर की ज़िमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से कम ही वकà¥à¤¤ मिल पाता है। ओलà¥à¤¡ à¤à¤œ होम में जाकर बà¥à¤œà¤¼à¥à¤°à¥à¤—ों को चà¥à¤Ÿà¤•à¥à¤²à¥‡ सà¥à¤¨à¤¾à¤¨à¤¾ बहà¥à¤¤ अचà¥à¤›à¤¾ लगता है। बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ का साथ à¤à¥€ बहà¥à¤¤ अचà¥à¤›à¤¾ लगता है। उनके साथ मैं बिलà¥à¤•à¥à¤² बचà¥à¤šà¤¾ हो जाता हूं। मेरा मानना है कि पूरी ज़िंदगी अपने अंदर के नटखट बचà¥à¤šà¥‡ को जीवित रखना चाहिà¤à¥¤ ये आपको हमेशा ऊरà¥à¤œà¤¾à¤µà¤¾à¤¨ रखता है। आज से दो दशक पहले फिलà¥à¤®à¥‹à¤‚ का बहà¥à¤¤ दीवाना था। लेकिन अब ये शौक पूरी तरह छूट गया है। गावसà¥à¤•र, कपिलदेव, विशà¥à¤µà¤¨à¤¾à¤¥, बेदी, चंदà¥à¤°à¤¶à¥‡à¤–र, पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨à¤¾, वेंकटराघवन, मोहिंदर अमरनाथ के वकà¥à¤¤ कà¥à¤°à¤¿à¤•ेट में जो आनंद आता था, अब नहीं आता। अब कà¥à¤°à¤¿à¤•ेट मारà¥à¤•ेट फोरà¥à¤¸à¥‡à¤œà¤¼ की à¤à¥‡à¤‚ट चढ़ गया है।
पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨: कितना ज़रूरी है à¤à¤• बà¥à¤²à¥‰à¤—र का अपने पाठकों से संवाद करना? कà¥à¤¯à¤¾ आप अपने सारे कमेंटà¥à¤¸ का उतà¥à¤¤à¤° देते है?
उ: बà¥à¤²à¥‰à¤—िंग की मà¥à¤à¥‡ सबसे अचà¥à¤›à¥€ बात ये लगी कि इससे आपको पाठक से इनà¥à¤¸à¤Ÿà¥‡à¤‚ट रिà¤à¤•à¥à¤¶à¤¨ मिलता है। साथ ही आप पाठक से सीधे संवाद à¤à¥€ कायम कर सकते हैं। सà¤à¥€ के कमेंट का मैं जवाब देने की कोशिश करता हूं। किसी किसी पोसà¥à¤Ÿ पर इतनी सारà¥à¤¥à¤• टिपà¥à¤ªà¤£à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ आती हैं कि पोसà¥à¤Ÿ का महतà¥à¤µ कई गà¥à¤£à¤¾ हो जाता है। टिपà¥à¤ªà¤£à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का नाम आता है तो अमर बà¥à¤²à¥‰à¤—र सà¥à¤µà¤°à¥à¤—ीय डॉ अमर कà¥à¤®à¤¾à¤° का नाम सà¥à¤µà¤¤: होठों पर आ जाता है। गागर में सागर à¤à¤°à¤¨à¥‡ वाली उनकी टिपà¥à¤ªà¤£à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ गूढ़ अरà¥à¤¥ लिठहोती थीं। बेबाकी उनकी खास पहचान थी। मैं खà¥à¤¶à¤•िसà¥à¤®à¤¤ हूं कि मà¥à¤à¥‡ उनका à¤à¤°à¤ªà¥‚र आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ मिला। दो साल पहले कैंसर ने उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ हमेशा के लिठहमसे छीन लिया।
पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨: आपके लिठबà¥à¤²à¥‰à¤—िंग का सबसे संतà¥à¤·à¥à¤Ÿà¤¿à¤¦à¤¾à¤¯à¤• पहलू कौनसा है?
उ: मैं रात को तीन-तीन बजे तक जागकर पोसà¥à¤Ÿ लिखता रहा हूं। कई बार मà¥à¤à¥‡ देर रात को फोन आठकि आज आप पोसà¥à¤Ÿ लिख रहे हैं या नहीं, बताइठनहीं तो हम सो जाà¤à¤‚। इससे सà¥à¤–द और कà¥à¤¯à¤¾ हो सकता है। बà¥à¤œà¤¼à¥à¤°à¥à¤— बà¥à¤²à¥‰à¤—र बेटे जैसा सà¥à¤¨à¥‡à¤¹ देने लगे, यà¥à¤µà¤¾ बड़े à¤à¤¾à¤ˆ सा आदर करने लगे। इससे ज़à¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ और कà¥à¤¯à¤¾ चाहिà¤à¥¤ बीच में सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ संबंधी कà¥à¤› दिकà¥à¤•त आने के बाद अब हर दिन लिखने का कà¥à¤°à¤® टूट गया है, फिर à¤à¥€ हफà¥à¤¤à¥‡ में दो-तीन पोसà¥à¤Ÿ हो ही जाती हैं।
पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨: आपके बà¥à¤²à¥‰à¤— पर हमने कई चà¥à¤Ÿà¤•à¥à¤²à¥‡ à¤à¥€ पढ़े, जीवन का असली आनंद à¤à¤¸à¥€ छोटी खà¥à¤¶à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में ही हैं? आप अपने नाम को इस मामले में पूरा सारà¥à¤¥à¤• कर रहे हैं, आपका इस बारे में कà¥à¤¯à¤¾ कहना है?
उ: मैं मानता हूं कि किसी को हंसाने से ज़à¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ मà¥à¤¶à¥à¤•िल काम इस दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में और कोई नहीं है। इस आपाधापी वाली दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में अगर आप किसी के चेहरे पर मà¥à¤¸à¥à¤•ान ले आते हैं तो ये बहà¥à¤¤ बड़ी बात है। इस मामले में सà¥à¤µà¤°à¥à¤—ीय खà¥à¤¶à¤µà¤‚त सिंह को अपना रोल मॉडल मानता हूं। उनके मशहूर कॉलम से पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ लेकर ही मैंने अपनी पोसà¥à¤Ÿ के अंत में सà¥à¤²à¥‰à¤— ओवर देने का सिलसिला शà¥à¤°à¥‚ किया। इसके लिठमà¥à¤à¥‡ मकà¥à¤–न, मकà¥à¤–नी, ढकà¥à¤•न, गà¥à¤²à¥à¤²à¥€ जैसे कà¥à¤› किरदार à¤à¥€ गढ़ने पढ़े। इनके कारनामों से पाठकों को हंसा पाया, इसे ऊपर वाले की कृपा मानता हूं।
पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨: आप पेशे से à¤à¤• पतà¥à¤°à¤•ार है। हमें अपने इस किरदार और पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤‚à¤à¤¿à¤• जीवन के बारे में और बताà¤à¤‚।
उ: पतà¥à¤°à¤•ारिता दो दशक से मेरी रोज़ी-रोटी का साधन है। मेरा जनà¥à¤® मेरठमें हà¥à¤†à¥¤ वहीं गरà¥à¤µà¤®à¥‡à¤‚ट कॉलेज से इंटर किया। फिर मेरठकॉलेज से बीà¤à¤¸à¤¸à¥€ किया। मेडिकल का सà¥à¤Ÿà¥‚डेंट था, पà¥à¤£à¥‡ के आरà¥à¤®à¥à¤¡ फोरà¥à¤¸à¥‡à¤œà¤¼ मेडिकल कॉलेज के लिठलिखित परीकà¥à¤·à¤¾ के साथ इंटरवà¥à¤¯à¥‚ à¤à¥€ कà¥à¤²à¤¿à¤¯à¤° किया, लेकिन चशà¥à¤®à¥‡ का नंबर ज़à¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ होने की वजह से सेलेकà¥à¤¶à¤¨ नहीं हो सका। हालांकि बाद में ऑपरेशन से चशà¥à¤®à¤¾ उतर गया। बिजनेस फैमिली से संबंध रखता हूं, लेकिन बिज़नेस में कà¤à¥€ मन नहीं रमा। इसी उधेड़बà¥à¤¨ में था कि à¤à¤• घटना ने मेरा जीवन बदल दिया। ये नबà¥à¤¬à¥‡ के दशक के शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ की बात है, मैं देश-विदेश की ख़बरों के लिठबीबीसी सà¥à¤¨à¤¾ करता था। बीबीसी में मेरे शहर मेरठके ही जसविंदर सिंह कारà¥à¤¯à¤°à¤¤ थे। उनका 31 दिसंबर 1993 को गोवा में मातà¥à¤° 33 साल की उमà¥à¤° में à¤à¤• दà¥à¤°à¥à¤˜à¤Ÿà¤¨à¤¾ में निधन हो गया। जसविंदर के वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ और जीवंत रिपोरà¥à¤Ÿà¤¿à¤‚ग के बारे में जितना सà¥à¤¨à¤¤à¤¾ गया, उतना ही उनका मà¥à¤°à¥€à¤¦ होता गया। जसविंदर को ही पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾-सà¥à¤°à¥‹à¤¤ मानते हà¥à¤ मेरा पतà¥à¤°à¤•ारिता में पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ हà¥à¤†à¥¤
पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨: अपने पसंदीदा 5 बà¥à¤²à¥‰à¤—à¥à¤¸ बताà¤à¤‚। यह à¤à¥€ बताइये कि इन बà¥à¤²à¥‰à¤—à¥à¤¸ में à¤à¤¸à¤¾ कà¥à¤¯à¤¾ है, जो आपको बेहद पसंद है?
उ: देखिठमैं जिन बà¥à¤²à¥‰à¤—à¥à¤¸ को पसंद करता हूं, उनका लिंक मैंने ‘देशनामा’ पर साइड बार में दे रखा है। इसलिठ5 बà¥à¤²à¥‰à¤—à¥à¤¸ को छांटना मेरे लिठबड़ा मà¥à¤¶à¥à¤•िल काम है। हां बà¥à¤²à¥‰à¤—िंग में मैं दो लोगों को अपना गà¥à¤°à¥ मानता हूं, इसलिठउनका उलà¥à¤²à¥‡à¤– ज़रूर करना चाहूंगा समीर लाल समीर (उड़न तशà¥à¤¤à¤°à¥€) और अनूप शà¥à¤•à¥à¤² (फà¥à¤°à¤¸à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾)।
- दिनेश राय दà¥à¤µà¤¿à¤µà¥‡à¤¦à¥€ (अनवरत, तीसरा खंà¤à¤¾)
- सतीश सकà¥à¤¸à¥‡à¤¨à¤¾ (मेरे गीत)Â
- बी à¤à¤¸ पाबला (ज़िंदगी के मेले)
बà¥à¤²à¥‰à¤—िंग से बने दोसà¥à¤¤à¥‹à¤‚ की फेहरिसà¥à¤¤ बहà¥à¤¤ लंबी है। गिनाना शà¥à¤°à¥‚ करूंगा तो ख़तà¥à¤® होने का नाम ही नहीं लेगी।
पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨: आपके बà¥à¤²à¥‰à¤— ‘देशनामा’ ने बà¥à¤²à¥‰à¤—अडà¥à¤¡à¤¾ के win में इस साल बेसà¥à¤Ÿ हिंदी बà¥à¤²à¥‰à¤— का खिताब जीता। इस बारे में आपका, आपके परिवार और दोसà¥à¤¤à¥‹à¤‚ का कà¥à¤¯à¤¾ कहना है?
उ: निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ रूप से सà¥à¤–द अनà¥à¤à¥‚ति रही। 8 फरवरी को जब मà¥à¤‚बई में अवॉरà¥à¤¡ समारोह हà¥à¤†, तब मैं परिवार में à¤à¤• विवाह की वजह से चाह कर à¤à¥€ उसमें हिसà¥à¤¸à¤¾ नहीं ले सका। लेकिन समारोह से जà¥à¤¡à¤¼à¥€ à¤à¤•-à¤à¤• रिपोरà¥à¤Ÿ मैंने पढ़ी। अपने पसंदीदा फिलà¥à¤®à¤•ार शेखर कपूर और अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¤¼à¥€ के नामी बà¥à¤²à¥‰à¤—रà¥à¤¸ से साकà¥à¤·à¤¾à¤¤ ना मिल पाने का मà¥à¤à¥‡ अफ़सोस रहेगा। मà¥à¤à¥‡ ये अवॉरà¥à¤¡ मिलना बà¥à¤²à¥‰à¤— जगत के लगातार सà¥à¤¨à¥‡à¤¹ और पà¥à¤°à¥‹à¤¤à¥à¤¸à¤¾à¤¹à¤¨ की वजह से ही संà¤à¤µ हो सका। परिवार और दोसà¥à¤¤à¥‹à¤‚ की दà¥à¤†à¤“ं ने à¤à¥€ असर दिखाया। पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ ित जूरी के सदसà¥à¤¯à¥‹à¤‚ ने मेरे बà¥à¤²à¥‰à¤— को हिंदी बà¥à¤²à¥‰à¤—िंग में अवà¥à¤µà¤² माना, इसके लिठउनका बहà¥à¤¤-बहà¥à¤¤ शà¥à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¥¤ बाक़ी जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने मेरे लिठवोटिंग की, उनके लिठकहना चाहूंगा-
“à¤à¤¹à¤¸à¤¾à¤¨ मेरे दिल पे तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¤¾ है दोसà¥à¤¤à¥‹à¤‚, ये दिल तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¥‡ पà¥à¤¯à¤¾à¤° का मारा है दोसà¥à¤¤à¥‹à¤‚ 
पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨: यदि आप कोई पोसà¥à¤Ÿ लिखते वक़à¥à¤¤ उलठजाते है? à¤à¤¸à¥‡ में आप कà¥à¤¯à¤¾ करते है?
उ: à¤à¤¸à¤¾ अमूमन होता नहीं है। जब किसी विषय का खाका दिमाग में पूरी तरह फिट हो जाता है, तब ही पोसà¥à¤Ÿ टाइप करने बैठता हूं। हां कà¤à¥€ रेफरेंस के लिठकिताबों और गूगल का सहारा लेता हूं।
पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨: आप के अनà¥à¤¸à¤¾à¤°, हिंदी बà¥à¤²à¥‰à¤—िंग का कà¥à¤¯à¤¾ à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ है?
उ: देखिà¤, हिंदी बà¥à¤²à¥‰à¤—िंग अब à¤à¤¾à¤°à¤¤ में करीब à¤à¤• दशक पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€ हो चà¥à¤•ी है। मैंने बà¥à¤²à¥‰à¤—िंग की शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ 16 अगसà¥à¤¤ 2009 को की थी, उस वकà¥à¤¤ हिंदी बà¥à¤²à¥‰à¤—िंग अपने पूरे उफान पर थी। बà¥à¤²à¥‰à¤—वाणी और चिटà¥à¤Ÿà¤¾à¤œà¤—त जैसे लोकपà¥à¤°à¤¿à¤¯ à¤à¤—à¥à¤°à¥€à¤—ेटर की वजह से बà¥à¤²à¥‰à¤—रà¥à¤¸ में अपना रैंक बढ़ाने के लिठसà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¸à¥à¤ªà¤°à¥à¤§à¤¾ रहती थी। ये दोनों ही à¤à¤—à¥à¤°à¥€à¤—ेटर बंद हो गà¤, इस वजह से बà¥à¤²à¥‰à¤—रà¥à¤¸ का उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹ कम हà¥à¤†à¥¤ फेसबà¥à¤•, टà¥à¤µà¤¿à¤Ÿà¤° के आने से à¤à¥€ बà¥à¤²à¥‰à¤—रà¥à¤¸ का रà¥à¤– उस तरफ हà¥à¤†à¥¤ लेकिन मेरा अब à¤à¥€ यही मानना है कि सही दिशा में पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ किया जाठतो हिंदी को देश-विदेश में पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤°à¤¿à¤¤-पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤°à¤¿à¤¤ करने के लिठबà¥à¤²à¥‰à¤—िंग से अचà¥à¤›à¤¾ माधà¥à¤¯à¤® और कोई नहीं है। हिंदी पटà¥à¤Ÿà¥€ के यà¥à¤µà¤¾à¤“ं को इस विधा से अधिक से अधिक जोड़ा जाठतो à¤à¥€ अचà¥à¤›à¥‡ परिणाम आ सकते हैं। सà¥à¤•ूल-कॉलेज में पà¥à¤°à¥‹à¤œà¥‡à¤•à¥à¤Ÿ के तौर पर बà¥à¤²à¥‰à¤—िंग को पाठà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® से जोड़ने के à¤à¥€ पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ किठजाने चाहिà¤à¥¤ à¤à¤• बात गूगल और, गूगल का विजà¥à¤žà¤¾à¤ªà¤¨ से आय देने वाला à¤à¤¡à¤¸à¥‡à¤‚स पà¥à¤°à¥‹à¤—à¥à¤°à¤¾à¤® हिंदी के बà¥à¤²à¥‰à¤—à¥à¤¸ को à¤à¤ªà¥à¤°à¥‚व नहीं करता। अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¤¼à¥€ बà¥à¤²à¥‰à¤—à¥à¤¸ को à¤à¤¡à¤¸à¥‡à¤‚स से होने वाली आय की तरह हिंदी बà¥à¤²à¥‰à¤—à¥à¤¸ को à¤à¥€ इंसेटिव मिले तो अधिक से अधिक यà¥à¤µà¤¾ बà¥à¤²à¥‰à¤—िंग के लिठपà¥à¤°à¥‡à¤°à¤¿à¤¤ होंगे।
पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨: चलिà¤, अब हमें अपनी कà¥à¤› पà¥à¤°à¤¿à¤¯ चीज़ों से परिचित कराà¤à¤‚-
रंग: आसमानी
मूवी: सतà¥à¤¯à¤•ाम
टेलिविजन शो: पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ (शेखर कपूर की à¤à¤‚करिंग में à¤à¤¬à¥€à¤ªà¥€ नà¥à¤¯à¥‚ज़ का शो)
किताब: मेरे सपनों का à¤à¤¾à¤°à¤¤ (लेखक- महातà¥à¤®à¤¾ गांधी)
खादà¥à¤¯-पदारà¥à¤¥: जो à¤à¥€ मिल जाठबस शाकाहारी
 खà¥à¤¶à¤¦à¥€à¤ª सेहगल के साथ कनेकà¥à¤Ÿ करें: बà¥à¤²à¥‰à¤—अडà¥à¤¡à¤¾, टà¥à¤µà¤¿à¤Ÿà¤°, बà¥à¤²à¥‰à¤—.
बहà¥à¤¤ बहà¥à¤¤ धनà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦Â खà¥à¤¶à¥à¤¦à¥€à¤ª जी इस इंटरवà¥à¤¯à¥‚ के लिà¤à¥¤ पà¥à¤°à¤¿à¤¯ पाठक, हमें उमà¥à¤®à¥€à¤¦ है की आपको हमारा यह पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ पसंद आया। आपके विचार हमें कमेंटà¥à¤¸ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ ज़रूर बताà¤à¤‚।Â
जो वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ हमारे WIN ’14 समारंठका हिसà¥à¤¸à¤¾ ना हो सके, वे सब उस दिन की तसà¥à¤µà¥€à¤°à¥‡à¤‚ यहा देख सकते हैं|
Bahut hi achcha interview hai ..kisi bhi achche blogger ka interview newbies ka utsah badhate hain
Thanks
Bahut accha interview raha bakai aapke blog ki interview series bahut achhi hai
Aapne blogging ke baare me itna kuch btaya or saath hi apne personal experience ko hamare saath share kiya iske liye bahut bahut dhanywad.
Mai apse bhut jyada parbhavit hua hu. Apka interview ka koi jwab hi nahi hai Sir ji. Bhut bhut badiya interview series apne blogger ke liye di hai. Thanks a lot to share this Interview Series.
jitni tareef ki jaye utni kam hai
India ke aane wale bloggers ke liye apne is website ke jariye jo kam kiya hai sayad hi vah koi aur krega | Main apka bhut adhik aabhari hu ki apne hmare liye ak asa platform banaya hai jo hame nayi nayi cijo ke bare me jankari deta hai | Sath hi sath hum ase logo ki opinions ko smjte aur sunte hai jo aj ke time ak misal ke rup me hame motivate krte hai | Main apka dil se Danyawad karna chahta hu Sir ji |
Thanks for sharing this article to us. I learned a lot about Khushdeep Sehgal.
bahut he behtreen
thanks kafi kuch sikhne ko mila
Bahut acha interview hai.
पूरा इंटरवà¥à¤¯à¥‚ पà¥à¤¾ । बहà¥à¤¤ अचà¥à¤›à¥‡ विचार है । मेरे संकलन में आपके दोनों गà¥à¤°à¥ शामिल हैं । सतीश सकà¥à¤¸à¥‡à¤¨à¤¾ जी à¤à¥€ हैं ।
Apne Bahut Achhi Jankari di .Khushdeep Sehgal Ji Success Icon Person Hai Jo Hume Motivate Karte Hai
Thanks
मà¥à¤¹à¥‡ यह जानकारी बहà¥à¤¤ पसंद आयी है, इस जानकारी से नठबà¥à¤²à¥‰à¤—र का उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹ बà¥à¤¤à¤¾ है आपका बहà¥à¤¤ बहà¥à¤¤ धनà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦
बहà¥à¤¤ अचà¥à¤›à¤¾, मेने पूरा इंटरवà¥à¤¯à¥‚ पà¥à¤¾, आपने बहà¥à¤¤ अचà¥à¤›à¥‡ सवाल किà¤
आगे à¤à¥€ मे आपके बà¥à¤²à¥‰à¤— पर à¤à¤¸à¥‡ ही इंटरवà¥à¤¯à¥‚ का इंतजार करà¥à¤—ा
One of the most awesome interview I’ve come across here. Beautiful, you are doing a great job keep going
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बहà¥à¤¤ अचà¥à¤›à¤¾, मेने पूरा इंटरवà¥à¤¯à¥‚ पà¥à¤¾, आपने बहà¥à¤¤ अचà¥à¤›à¥‡ सवाल किà¤
आगे à¤à¥€ मे आपके बà¥à¤²à¥‰à¤— पर à¤à¤¸à¥‡ ही इंटरवà¥à¤¯à¥‚ का इंतजार करà¥à¤—ा
really loved the interview article. bhai aur bhi aise post kar dena
इंटरवà¥à¤¯à¥‚ पूरा पà¥à¤¾à¥¤ बहà¥à¤¤ अचà¥à¤›à¤¾ लगा।
Very inspiring interview. The way you took the interview was awesome. Looking for more. (:
Bohot hi pravhabsali interview he. Ese hi jabardast interview padne ki asha rahi.